Tuesday 12 May 2020

वज्रपात की घटनाएं और पशु धन की हानि

Dr Amit Kumar




झारखंड में वज्रपात से काफी मौतें होती हैं। खासकर दक्षिणी छोटानागपुर के पठारी जंगलों में मवेशी चराने वाले और मवेशी अक्सर बारिश के मौसम में वज्रपात की घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।प्राकृतिक आपदा के समय हुई मवेशियों की मौत के लिए हर जिले के उपायुक्त के पास मुआवजा देने की व्यवस्था रहती है।


" प्राकृतिक आपदा के समय हुई मवेशियों की मौत के लिए हर जिले के उपायुक्त के पास मुआवजा देने की व्यवस्था रहती है।"
 

 हर वर्ष राज्य आपदा प्रबंधन विभाग जिले के उपायुक्तों को यह राशि प्रदान करती है। बाढ़, आग लगने, बिजली गिरने, ओलावृष्टि व अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण पालतू पशु की मृत्यु पर किसान को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि की मांग की जा सकती है।स्थानीय पशु चिकित्सक से प्राप्त इस आशय का पशु की मृत्यु प्रमाण पत्र एवं आवेदन के साथ प्रखंड के राजस्व कार्यालय में मुआवजा प्राप्त करने हेतु आवेदन दिया जा सकता है।


" स्थानीय पशु चिकित्सक से प्राप्त इस आशय का पशु की मृत्यु प्रमाण पत्र एवं आवेदन के साथ प्रखंड के राजस्व कार्यालय में मुआवजा प्राप्त करने हेतु आवेदन दिया जा सकता है।"


To know more about postmortem report details click here.

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home