Covid-19 का पशुपालन पर असर : शुरुआती चरण
Dr. Amit Kumar
लॉक डाउन के शुरुआती चरणों में पशुओं खासकर शहरी अंचलों में मवेशी खटाल पर रखे गए गाय भैंस इत्यादि को चारे की किल्लत से परेशानी हुई। बाजार में पशु चारे की कालाबाजारी की स्थिति आ गई थी और दाम काफी ऊंची चले गए थे। बाद में सरकार ने इस पर छूट दी ताकि पशु चारे की सप्लाई सुचारू रूप से चल सके तब जाकर किसानों को राहत मिली। दूध की सप्लाई चैन बाधित होने से कई किसानों के दूध को बाजार नहीं मिला और उन्हें आर्थिक हानि उठानी पड़ी। इसके अलावा ग्रामीण अंचलों के क्रॉस ब्रीड गाय-भैंसों को भी जिन्हें बाजार से मिक्सचर कंपाउंडेड फीड की जरूरत पड़ती है उन्हें भी सिर्फ चरागाह के भरोसे पेट भरना पड़ा। हालांकि देसी नस्ल की गायों तथा देसी नस्ल की सूअर बकरी भेड़ इत्यादि को कोई खास परेशानी नहीं हुई। ग्रामीण बाजार बंद रहे पशुओं की खरीद बिक्री बंद रही । बाद में सरकार के द्वारा जब मांस मछली की दुकानों को खोलने के आदेश हुए इसके बाद इन उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई। होटल और ढाबों के भरोसे रहने वाले आवारा कुत्तों की स्थिति भी दयनीय हो गई। कई समाजसेवी संस्थाओं और संवेदनशील व्यक्तियों के द्वारा इन्हें जगह जगह पर खाना देने की शुरुआत की गई जिससे यह अपना पेट भर सके अन्यथा अधिक समय तक भूखे रहने के बाद यह आक्रामक हो जाते हैं।
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